प्रकाशितवाक्य 22:1-21
1 फिर उसने मुझे बिल्लौर के समान झलकती हुई, जीवन के जल की एक नदी दिखाई, जो परमेश्वर और मेम्ने के सिंहासन से निकलकर,
2 उस नगर की सड़क के बीचों बीच बहती थी। नदी के इस पार और उस पार जीवन का पेड़ था; उसमें बारह प्रकार के फल लगते थे, और वह हर महीने फलता था; और उस पेड़ के पत्तों से जाति-जाति के लोग चंगे होते थे। (यहे. 47:7)
3 फिर श्राप न होगा, और परमेश्वर और मेम्ने का सिंहासन उस नगर में होगा, और उसके दास उसकी सेवा करेंगे। (जक. 14:11)
4 वे उसका मुँह देखेंगे, और उसका नाम उनके माथों पर लिखा हुआ होगा।
5 और फिर रात न होगी, और उन्हें दीपक और सूर्य के उजियाले की आवश्यकता न होगी, क्योंकि प्रभु परमेश्वर उन्हें उजियाला देगा, और वे युगानुयुग राज्य करेंगे। (यशा. 60:19, दानि. 7:27)
6 फिर उसने मुझसे कहा, “ये बातें विश्वासयोग्य और सत्य हैं। और प्रभु ने, जो भविष्यद्वक्ताओं की आत्माओं का परमेश्वर है, अपने स्वर्गदूत को इसलिए भेजा कि अपने दासों को वे बातें, जिनका शीघ्र पूरा होना अवश्य है दिखाए।” (प्रका. 1:1)
7 “और देख, मैं शीघ्र आनेवाला हूँ; धन्य है वह, जो इस पुस्तक की भविष्यद्वाणी की बातें मानता है।”
8 मैं वही यूहन्ना हूँ, जो ये बातें सुनता, और देखता था। और जब मैंने सुना और देखा, तो जो स्वर्गदूत मुझे ये बातें दिखाता था, मैं उसके पाँवों पर दण्डवत् करने के लिये गिर पड़ा।
9 पर उसने मुझसे कहा, “देख, ऐसा मत कर; क्योंकि मैं तेरा और तेरे भाई भविष्यद्वक्ताओं और इस पुस्तक की बातों के माननेवालों का संगी दास हूँ, परमेश्वर ही को आराधना कर।”
10 फिर उसने मुझसे कहा, “इस पुस्तक की भविष्यद्वाणी की बातों को बन्द मत कर; क्योंकि समय निकट है।
11 “जो अन्याय करता है, वह अन्याय ही करता रहे; और जो मलिन है, वह मलिन बना रहे; और जो धर्मी है, वह धर्मी बना रहे; और जो पवित्र है, वह पवित्र बना रहे।”
12 “देख, मैं शीघ्र आनेवाला हूँ; और हर एक के काम के अनुसार बदला देने के लिये प्रतिफल मेरे पास है। (मत्ती 16:27)
13 “मैं अल्फा और ओमेगा, पहला और अन्तिम, आदि और अन्त हूँ।” (यशा. 44:6, यशा. 48:12)
14 धन्य वे हैं, जो अपने वस्त्र धो लेते हैं, क्योंकि उन्हें जीवन के पेड़ के पास आने का अधिकार मिलेगा, और वे फाटकों से होकर नगर में प्रवेश करेंगे।
15 पर कुत्ते, टोन्हें, व्यभिचारी, हत्यारे, मूर्तिपूजक, हर एक झूठ का चाहनेवाला और गढ़नेवाला बाहर रहेगा।
16 “मुझ यीशु ने अपने स्वर्गदूत को इसलिए भेजा, कि तुम्हारे आगे कलीसियाओं के विषय में इन बातों की गवाही दे। मैं दाऊद का मूल और वंश, और भोर का चमकता हुआ तारा हूँ।” (यशा. 11:1)
17 और आत्मा, और दुल्हन दोनों कहती हैं, “आ!” और सुननेवाला भी कहे, “आ!” और जो प्यासा हो, वह आए और जो कोई चाहे वह जीवन का जल सेंत-मेंत ले। (यशा. 55:1)
18 मैं हर एक को, जो इस पुस्तक की भविष्यद्वाणी की बातें सुनता है, गवाही देता हूँ: यदि कोई मनुष्य इन बातों में कुछ बढ़ाए तो परमेश्वर उन विपत्तियों को जो इस पुस्तक में लिखी हैं, उस पर बढ़ाएगा। (व्य. 12:32)
19 और यदि कोई इस भविष्यद्वाणी की पुस्तक की बातों में से कुछ निकाल डाले, तो परमेश्वर उस जीवन के पेड़ और पवित्र नगर में से, जिसका वर्णन इस पुस्तक में है, उसका भाग निकाल देगा। (भज. 69:28, व्य. 4:2)
20 जो इन बातों की गवाही देता है, वह यह कहता है, “हाँ, मैं शीघ्र आनेवाला हूँ।” आमीन। हे प्रभु यीशु आ!
21 प्रभु यीशु का अनुग्रह पवित्र लोगों के साथ रहे। आमीन।
पूरी बाइबल एक कहानी है। यह एक वाटिका से शुरू होकर एक नगर में ख़त्म होती है, और इस पूरे सफर में यह यीशु मसीह की ओर इशारा करती है। उत्पत्ति में, एक दम्पति ने परमेश्वर की आशीष का आनन्द लिया, परन्तु पाप के कारण वे पीड़ा, दुःख और मृत्यु से भरे संसार में चले गये। प्रकाशितवाक्य में, लोगों के एक विशाल समूह को आनन्द और शांति के संसार में लाया जाता है, जहाँ पाप और मृत्यु नहीं होंगे, और परमेश्वर स्वयं हमारी आँखों से सारे आँसू पोंछ देंगे।
बाइबल की शुरूआत परमेश्वर द्वारा आकाश और पृथ्वी की रचना से होती है। इसका अंत परमेश्वर द्वारा एक नये स्वर्ग और एक नयी पृथ्वी की रचना के साथ होता है, जहाँ आदम ने जो कुछ खोया था वह सब वापस मिल जाएगा और इसके अलावा और भी बहुत कुछ मिलेगा।
फिर मैं ने नये आकाश और नयी पृथ्वी को देखा, क्योंकि पहला आकाश और पहली पृथ्वी जाती रही थी। (प्रकाशितवाक्य 21:1)
यूहन्ना ने एक “नई पृथ्वी” देखी। “नई” का अर्थ है कि यह आश्चर्यजनक रूप से भिन्न होगी; “पृथ्वी” का अर्थ है कि यह विचित्र रूप से परिचित होगी। मसीही विश्वासी का भाग्य किसी काल्पनिक दुनिया में स्वप्न जैसा अस्तित्व नहीं है। परमेश्वर इस ग्रह का पुनः निर्माण, पुनःपूर्ति और नवीनीकरण करेंगे। “सृष्टि भी आप ही विनाश के दासत्व से छुटकारा पाकर, परमेश्वर की सन्तानों की महिमा की स्वतंत्रता प्राप्त करेगी” (रोमियों 8:21)।
नये स्वर्ग और पृथ्वी का आनन्द हमारी कल्पना से परे हैं, परन्तु परमेश्वर दो चित्रों का उपयोग करके हमें भविष्य की एक झलक देते हैं। वे हैं नगर और वाटिका।
नगर
यूहन्ना के दर्शन में इस समय तक, जैसा कि हम जानते हैं, इतिहास का समापन हो चुका है। न्यूयॉर्क, लंदन, येरुशलम, बीजिंग और मॉस्को सब खत्म हो गए! परमेश्वर के न्याय की प्रचंड तपिश में पृथ्वी उघड़ गई है (2 पतरस 3:10)।
परन्तु अब यूहन्ना एक नए नगर को स्वर्ग से उतरते हुए देखता है, और तुरन्त ही वह उसके क्षितिज को पहचान लेता है: “फिर मैं ने पवित्र नगर नये यरूशलेम को स्वर्ग से परमेश्वर के पास से उतरते देखा” (प्रकाशितवाक्य 21:2)। बाइबल की कहानी में यरूशलेम का बहुत महत्व है। यह वह स्थान था जहाँ परमेश्वर अपने लोगों से मिलने के लिए नीचे आये थे जब उनकी उपस्थिति का बादल मंदिर में भर गया था।
नया यरूशलेम बहुत विशाल था! एक स्वर्गदूत ने “अपनी छड़ी से नगर को नापा, 12,000 सीढ़ी” (21:16; 12,000 सीढ़ी लगभग 2,250 किलोमीटर के बराबर है)। याद रखें कि प्रकाशितवाक्य की पुस्तक चित्रों का उपयोग करके हमें उस महिमा को समझने में मदद कर रही है जो आगे आने वाली है। परमेश्वर के छुड़ाए हुए लोग इतने ज़्यादा हैं कि कोई उनकी गिनती नहीं कर सकता (प्रकाशितवाक्य 7:9), और परमेश्वर हमें बता रहे हैं कि उनके यहाँ हम में से हर एक के लिए जगह है।
शहर के माप तीन आयामों में दिए गए हैं। “उसकी लम्बाई, चौड़ाई और ऊंचाई बराबर है” (21:16)। दूसरे शब्दों में, यह एक पूर्ण घनाकार है। यूहन्ना ने इसका महत्व तुरन्त समझ लिया होगा। मंदिर में सबसे पवित्र स्थान, जहाँ परमेश्वर अपने लोगों से मिलते थे, वह भी एक पूर्ण घनाकार था – तीस फीट लंबा, तीस फीट चौड़ा और तीस फीट ऊँचा (1 राजा 6:20)।
पुराने यरूशलेम में एक पवित्र स्थान था। पूरा नया यरूशलेम एक पवित्र स्थान है। पुराने यरूशलेम में, एक छोटा सा कमरा परमेश्वर की महिमा से भरा हुआ था। नये यरूशलेम में, पूरा नगर उनकी महिमा से भर जाएगा। पुराने यरूशलेम में केवल एक ही व्यक्ति परमेश्वर की उपस्थिति में प्रवेश कर सकता था। नये यरूशलेम में, परमेश्वर के सभी लोग सर्वदा उनका आनन्द लेंगे।
परमेश्वर जानते थे कि वे क्या कर रहे हैं जब उन्होंने एक ऐसा संसार बनाया जिसमें हम विद्रोह करेंगे और अपने आप को निराशाजनक रूप से खोया हुआ पाएंगे। वे जानते थे कि एक छुटकारा पाई हुई सृष्टि उनकी महिमा को एक अनजान प्राणी की अपेक्षा कहीं अधिक प्रदर्शित करेगी। नयी सृष्टि में, परमेश्वर की महिमा के प्रतिबिम्ब हर जगह फूट पड़ेंगे—हम में और हमारे चारों ओर।
जिन लोगों को अधिक क्षमा किया गया है वे अधिक प्रेम करेंगे, और परमेश्वर के छुड़ाए हुए बच्चे गाएंगे, “वध किया हुआ मेम्ना ही योग्य है!” (प्रकाशितवाक्य 5:12)। “तू योग्य है… क्योंकि तूने वध होकर अपने लहू से हर एक कुल और भाषा और लोग और जाति में से परमेश्वर के लिये लोगों को मोल लिया है” (प्रकाशितवाक्य 5:9-10)।
वाटिका
दर्शन में इस समय तक यूहन्ना ने नये यरूशलेम को बाहर से देखा है। परन्तु अब, उसे अंदर आने के लिए आमंत्रित किया गया है। जैसे ही वह अंदर प्रवेश करता है, तस्वीर बदल जाती है, और निस्संदेह उसके आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहता, जब यूहन्ना को एक सुंदर वाटिका दिखाई देती है: “स्वर्गदूत फिर उसे जीवन के जल की नदी दिखाई…. और, नदी के इस पार और उस पार जीवन का वृक्ष था; उसमें बारह प्रकार के फल लगते थे, और वह हर महीने फलता था” (प्रकाशितवाक्य 22:1-2)।
बाइबल की कहानी एक वाटिका से शुरू हुई, जहाँ परमेश्वर ने आदम और हव्वा को चार अद्भुत उपहार दिए: एक घर, कार्य, रिश्ता और परमेश्वर की दृश्य उपस्थिति। जब पाप संसार में आया, तो इन सभी उपहारों में दोष आ गया। आदम और हव्वा को वाटिका से बाहर निकाल दिया गया और उन्हें पाप, पीड़ा और मृत्यु से भरे संसार में अपना घर बनाना पड़ा। जो कार्य आशीष स्वरूप किया गया था, उसमें निराशा छा गई थी। दुनिया का पहला परिवार विभाजित हो गया था, और आदम और हव्वा को परमेश्वर के साथ दृष्टि के बजाय विश्वास से चलना पड़ा।
जब पाप संसार में आया तो स्वर्ग खो गया। परन्तु बाइबल की कहानी के अंत में, जो उपहार खो गए थे, वे न केवल पुनः प्राप्त हुए, बल्कि परमेश्वर के नए उद्यान नगर में वे और भी बेहतर हो गए।
बेहतर घर
नदी के इस पार और उस पार जीवन का वृक्ष था; उसमें बारह प्रकार के फल लगते थे, और वह हर महीने फलता था; और उस वृक्ष के पत्तों से जाति–जाति के लोग चंगे होते थे। (प्रकाशितवाक्य 22:2)
पुराने अदन और नयी वाटिका के बीच एक उल्लेखनीय अंतर यह है कि परमेश्वर के नयी वाटिका वाले नगर में अच्छाई और बुराई के ज्ञान का कोई वृक्ष नहीं है। वहाँ बुराई को जाना नहीं जा सकता। यह वाटिका न केवल उसकी उपस्थिति से, बल्कि उसकी संभावना से भी मुक्त है।
पुराने अदन में, पुरुष और स्त्री को जीवन के वृक्ष से खाने की अनुमति नहीं थी। परन्तु अब उन्हें पूरी अनुमति है, और वृक्ष पर बारह अलग-अलग प्रकार के फल लगे हैं। फलों की विविधता परमेश्वर की उपस्थिति में निरन्तर प्राप्त होने वाली जीवन की समृद्धि की बात करती है। अनंत काल कभी भी नीरस नहीं होगा।
इस संसार में जीवन की सबसे बड़ी खुशियाँ परमेश्वर की नयी सृष्टि की महानतम खुशियों की ओर संकेत करती हैं। परमेश्वर की नयी वाटिका नगर के सुख, आदम द्वारा अदन की वाटिका में अनुभव की गई किसी भी चीज़ से बढ़कर होंगे। आप उन फलों का स्वाद चखेंगे जिन्हें आदम ने कभी नहीं चखा और उन सुखों का आनन्द लेंगे जिन्हें हव्वा ने कभी नहीं जाना।
बेहतर कार्य
फिर स्राप न होगा, और परमेश्वर और मेम्ने का सिंहासन उस नगर में होगा और उसके दास उसकी सेवा करेंगे। (प्रकाशितवाक्य 22:3)
प्रभु परमेश्वर उन्हें उजियाला देगा, और वे युगानुयुग राज्य करेंगे।(प्रकाशितवाक्य 22:5)
नयी सृष्टि में, आप सेवा करेंगे, आप आराधना करेंगे, और आप शासन करेंगे। पहली वाटिका में आदम ने कार्य करके और वाटिका की देखभाल करके सेवा की। उसकी बुलाहट परमेश्वर द्वारा बनाई गई सभी चीज़ों पर प्रभुत्व स्थापित करने के लिए थी (उत्पत्ति 1:26)। उसे पृथ्वी को भरना था और उस पर अधिकार करना था (उत्पत्ति 1:28)। जब साँप आया, तो आदम ने अपना शासन कायम नहीं रखा। परन्तु अब, परमेश्वर के लोगों को सेवा करने और राज करने का पद पुनः प्राप्त हो गया है।
जब परमेश्वर हमारे शासन करने की बात करते हैं, तो वे हमें बता रहे हैं कि जीवन को व्यवस्थित किया जाएगा और आपके नियंत्रण में लाया जाएगा। आपका कार्य निराशा से मुक्त रहेगा। अब आप समय के अत्याचार, थकाऊ कार्यों, झगड़ालू सहकर्मियों या दखलन्दाजी करने वाले प्रबंधकों के अधीन नहीं रहेंगे। अब आप अप्रत्याशित भावनाओं या इच्छाशक्ति के आवेगों में नहीं बहेंगे । और अब आप खतरे या मृत्यु के अधीन नहीं होंगे।
बेहतर संगत
उसकी शहरपनाह बड़ी ऊँची थी, और उसके बारह फाटक और फाटकों पर बारह स्वर्गदूत थे; और उन फाटकों पर इस्राएलियों के बारह गोत्रों के नाम लिखे थे। पूर्व की ओर तीन फाटक, उत्तर की ओर तीन फाटक, दक्षिण की ओर तीन फाटक, और पश्चिम की ओर तीन फाटक थे। (प्रकाशितवाक्य 21:12-13)
पुराने अदन का आनन्द केवल एक पुरुष और एक महिला ने उठाया था, परन्तु अब एक विशाल भीड़ द्वार से अंदर आ रही है। परमेश्वर ने इन लोगों को मानव इतिहास के दर्द से छुटकारा दिलाया, और उन्हें पहले से कहीं अधिक आनन्द प्रदान किया है जितना कभी उन्होंने न सोचा हो।
यूहन्ना नए वाटिका नगर में बारह प्रवेश द्वार देखते हैं। लोग हर दिशा से नगर में आ रहे हैं – पूर्व में चीन, उत्तर में रूस, दक्षिण में अफ्रीका और पश्चिम में अमेरिका। हर राष्ट्र का प्रतिनिधित्व परमेश्वर के छुड़ाए हुए और मेलमिलाप वाले नए समुदाय में किया गया है।
यूहन्ना के दर्शन में प्रत्येक द्वार पर एक स्वर्गदूत खड़ा है, और सभी द्वार खुले हैं (प्रकाशितवाक्य 21:12, 25)। बाइबल की कहानी की शुरुआत में, करूब जीवन के वृक्ष के प्रवेश द्वार पर ज्वलन्त तलवार से पहरा देते थे। परन्तु अब, मसीह ने न्याय की तलवार तोड़ दी है, और स्वर्गदूत उन सभी का स्वागत करने के लिए द्वार पर खड़े हैं जो उनके हैं।
परमेश्वर का बेहतर ज्ञान
फिर मैं ने सिंहासन में से किसी को ऊँचे शब्द से यह कहते हुए सुना, “देख, परमेश्वर का डेरा मनुष्यों के बीच में है। वह उनके साथ डेरा करेगा, और वे उसके लोग होंगे, और परमेश्वर आप उनके साथ रहेगा और उनका परमेश्वर होगा”। (प्रकाशितवाक्य 21:3)
इस वाटिका नगर में परमेश्वर की उपस्थिति इसकी सबसे बड़ी आशीष है। अदन की वाटिका में, परमेश्वर निश्चित समय पर नीचे आते थे और अपने आपको प्रकट करते थे। वे दिन की ठंडी हवा में उस आदमी और औरत के साथ टहलते थे। परमेश्वर एक आगंतुक के रूप में बगीचे में आए। उन्होंने स्वयं को पुरुष और स्त्री पर नहीं थोपा, बल्कि उन्हें अपने साथ विश्वास और आज्ञाकारिता का रिश्ता चुनने का अवसर दिया। इसलिए वे आये और उनके साथ चले, तथा उन्होंने उस रिश्ते को विकसित किया।
परन्तु अब परमेश्वर ने लोगों का एक विशाल समुदाय इकट्ठा किया है जिनके मन उनके सत्य से प्रकाशित हो चुके हैं और जिनके हृदय यीशु के क्रूस पर पिघल गए हैं। उनकी इच्छाएँ पवित्र आत्मा की सामर्थ्य द्वारा निर्देशित हुई हैं, और वे परमेश्वर से स्वतंत्र रूप से प्रेम करने लगे हैं। तो परमेश्वर अब आगंतुक नहीं हैं। परमेश्वर का सिंहासन वाटिका नगर में उतर आता है ताकि उनके लोग उनकी उपस्थिति में रह सकें और सदा उनका आनन्द ले सकें। प्रभु ने विजय के स्वर के साथ इसकी घोषणा की: “देख, परमेश्वर का डेरा मनुष्यों के बीच में है” (प्रकाशितवाक्य 21:3)।
जब आपको घर जैसा महसूस न हो, तो याद रखें कि वह दिन आने वाला है जब आप इस दुनिया में किसी भी समय या स्थान से कहीं अधिक घर जैसा महसूस करेंगे।
जब आपको अपना काम निराशाजनक लगे, तो याद रखें कि वह दिन आने वाला है जब आप परमेश्वर द्वारा आपको दिए गए सभी कामों में आनंद और संतुष्टि पाएंगे।
जब आप प्रेम के आनन्द का अनुभव करें, तो याद रखें कि यह उस आनन्द का एक छोटा सा स्वाद है जो आप प्रभु की उपस्थिति में अनुभव करेंगे।
जब आपके मन में कोई सवाल हो या आप अपनी आस्था से जूंझ रहे हों, तो याद रखें कि एक दिन आप परमेश्वर का चेहरा देखेंगे। और जब आप उन्हें देखेंगे, तो आप उनके जैसे हो जाएँगे।
परमेश्वर के वचन के साथ आगे जुड़ने के लिए इन प्रश्नों का उपयोग करें। उन पर किसी अन्य व्यक्ति के साथ चर्चा करें या उन्हें व्यक्तिगत प्रतिबिंब प्रश्नों के रूप में उपयोग करें।
1. नगर की इस झलक ने नये स्वर्ग और नयी पृथ्वी के बारे में आपकी सोच को किस प्रकार बदल दिया है?
2. वाटिका नगर के चार आनन्दों में से कौन से आपको इस समय सबसे अधिक आकर्षित कर रहे है? क्यों?
3. परमेश्वर की नयी सृष्टि के बारे में जानने से आज आपको जीने में कैसे मदद मिलती है?
4. क्या आपको लगता है कि परमेश्वर चाहते हैं कि आप उस नये स्वर्ग और पृथ्वी का आनन्द लें जो उन्होंने तैयार किया है? क्यों या क्यों नहीं?
5. बाइबल कहानी के माध्यम से अपनी यात्रा पर नज़र डालते हुए, आपके लिए सबसे ज़्यादा मददगार क्या रहा है?